नमस्कार दोस्तों, इस ब्लॉग श्रृंखला में, हम संकीर्णता की बहुमुखी प्रकृति, इसके मनोवैज्ञानिक आधारों की खोज, मनोविज्ञान के भीतर नैदानिक ढांचे और मौजूद विभिन्न उपप्रकारों में तल्लीन होंगे। हम व्यक्तिगत और पेशेवर दोनों तरह के रिश्तों पर संकीर्णता के प्रभाव की जांच करेंगे, और ऐसे व्यक्तियों के सामने आने वाली चुनौतियाँ जो खुद को एक मादक गतिशील के जाल में उलझा हुआ पाते हैं। हम इन बातों को बहुत ही आसान और सरल तरीके से समझेंगे और जानेंगे, जो आपके लिए निश्चित ही उपयोगी साबित हो इस सोच के साथ हम आगे बढ़ते हैं
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Narcissism के लिए हिंदी का एक शब्द होता है काफी नजदीक है उसे कह सकते हैं आत्ममुग्धता, तब शायद आपको अच्छा लगेगा, अच्छा यह बात है अब समझ में आ गई बात आत्ममुग्ध होना होता है छोटे बच्चों में पेंडेंसी ज्यादा दिखती है क्योंकि छोटे बच्चे एकॉसेंट्रिक होते हैं एकॉसेंट्रिक का मतलब है दुनिया के सेंटर में खुद को रख के जीवन को देखते हैं एक शब्द आपने सुना होगा जिसको बोलते हैं सेल्फ कॉन्फिडेंस और आप यह जानते हैं कि हर फेरन चाहते हैं क्यों उनके बच्चों में आत्मविश्वास होना चाहिए ठीक भी है आज विश्वास होना भी चाहिए कई बार यह समझ नहीं आता कि आप विश्वास की रेखा कहां खत्म होती है और आत्ममुग्धता कहां से शुरू हो जाती है जैसे कुछ लोग कहते हैं कि दोस्ती और प्यार के बीच की रेखा बहुत पतली होती है पता नहीं चलता, कब आप उछलकर वहां पहुंच जाते हैं ऐसी प्रतिस्पर्धा और दुश्मनी और राइवलरी के बीच की रेखा बहुत पतली होती है ऐसी ही धर्म और संप्रदायिकता के बीच की रेखा बहुत पतली होती है आप कब तक धार्मिक थे कब संप्रदायिक हो गए पता नहीं चलता |
ऐसे ही आत्मविश्वास से भरे होना और आत्ममुग्ध हो जाना के बीच की रेखा भी बहुत पतली है पर रखा है उस रेखा को समझना उसको पहचानना बहुत जरूरी है मोटे तौर पर आत्मविश्वास एक बहुत अच्छी क्वालिटी है पॉजिटिव क्वालिटी है होनी ही चाहिए और Narcissism यानी आत्ममुग्धता एक ऐसी स्थिति है जो कि ना केवल उस व्यक्ति के लिए समस्या है जिसको है बल्कि उसके आसपास के समाज के लिए समस्या बन जाती है टॉक्सिक समाज बनता है विष भरा समाज बनता है तो समझेंगे बहुत प्यार से बहुत मोहब्बत से समझेंगे उदाहरण से ,फिल्मी गीतों से समझेंगे कि यह क्या है और फिर चेक करेंगे कि हमारे अंदर है कि नहीं
मतलब मनोविज्ञान पढ़ते समय एक सामान्य टेंपरामेंट क्या होता है कि मैं तो ठीक हु बाकियो के अंदर है यह सब प्रॉब्लम है, बहुत मजे की बात है बाद में समझ में आता है कि नहीं मैं भी ठीक नहीं हूं, मेरे अंदर भी है तो शब्द को लेकर तनाव मत लीजिएगा कि यह शब्द कहां से आया मैं अभी आपको उसकी पूरी कहानी समझा लूंगा फिर आप समझेंगे यह शब्द इतना मुश्किल क्यों बनाया गया इसके पीछे एक कहानी है रोचक कहानी है उस में आने से पहले पिछले 30-40 साल में दुनिया भर में विशेष रूप से पश्चिम में देखा गया है की Narcissism यानी आत्ममुग्धता की टेंडेंसी बहुत बढ़ी है ऐसे सर्वे हुए हैं मैं हवाई बात करने से बचता हूं,जो मेडिकल साइंस के सर्वे है साइकोलॉजी की एसोसिएशन के सर्वे हैं उनके बेस पर बात करता हूं एक सर्वे ने बताया की 1962 और 1990 के बीच में अंतर यह है अमेरिका में , की 1962 में 12 परसेंट किशोर बच्चों में यह टेंडेंसी देखी गई थी और यह टेंडेंसी 1990 के दशक में आते आते लगभग 77 से 80 परसेंट बच्चों में देखी जा रही है 12 परसेंट से 80 परसेंट की बात कर रहा हूं मैं 12 परसेंट की बात नहीं कर रहा एक बड़ी समस्या तो है भारतीय समाज में इतनी बड़ी समस्या कुछ लोग मानते हैं कि नहीं है लेकिन यह मानना पड़ेगा कि आज के समय में वह भी दिखना शुरू हुआ है

उदाहरण से बात करते हैं सिद्धांत एक बात करते हैं, सैद्धांतिक बातें क्यों करें आत्ममुग्धता का एक लक्षण होता है व्यक्ति को यह लगने लगता है कि उसके जैसा कोई नहीं, मैं इतनी सुंदर हूं मैं क्या करूं क्या करूं अब आप डिलीट कर पा रहे हैं अगर आपकेआस पास कोई ऐसा बोले मैं इतनी सुंदर हूं मैं क्या करूं उसको बोलना तुम्हें आत्ममुग्धता पर्सनालिटी डिसऑर्डर है एनपीडी है इलाज करवा लो अपना कुछ उससे भी अग्रेसिव हो जाते हैं कभी कभी उसको लगता है कि उसको लगता है कि उसके बिना दुनिया चली नहीं सकती मैं नहीं तो कौन बे , तू नहीं कोई और सही कोई और नहीं कोई और सही, बहुत लंबी है जमीं , मिलेंगे लाख हसीन जमाने में सनम तू अकेली तो नहीं|
पर यह दोनों ही लक्षण आत्ममुग्धता के हैं मैं नहीं तो कान में तो बोलना है इलाज करवा लो किस चीज का, एनपीडी का,[NPD -Narcissism personality Disorder ] , और अगर कोई यह कहे तू नहीं कोई और सही शुभ इलाज करवाना क्योंकि जिस व्यक्ति को भी जरूरत से ज्यादा आत्मविश्वास अपने ऊपर हो गया है जब इस तरह के बाद सुनने लगे आप तो समझिए कि कुछ गड़बड़ है अगर किसी को लगे कि मैं संविधान से ऊपर हूं कानून से ऊपर हूं सब मेरे सामने छोटे हैं और वह कहे हम जहां खड़े होते हैं लाइन वहां से शुरू होती है ,तो उसको क्या कहना है तुम्हारी लाइन अलग है वह मनोविज्ञान के रोगियों की लाइन है वहां तुमसे ही लाइन शुरू होगी क्योंकि तुम्हारा ही इलाज होना है यह तीसरा लक्षण है कभी कभी किसी को लगता है कि इस पूरे ब्रह्मांड में मेरे जैसा कोई है ही नहीं सब तो मेरी हाथों में हो रहा है मुझसे बड़ा कौन है सेक्रेट गेम सीरीज मैं नवाजुद्दीन सिद्धकी का डायलॉग आता है, कभी-कभी तो लगता है कि अपुनिच ही भगवान है,अपुनिच ही भगवान है, और रोचक बात है की आत्ममुग्धता के डिसऑर्डर को कुछ लोगों ने एक नाम दिया है गॉड कॉन्प्लेक्स|
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गॉड कॉन्प्लेक्स, जब किसी को लगने लगे कि वह भगवान है या भगवान जैसा है भगवान के बाद नंबर दो पर आता है तो समझ लो कि गंभीर प्रॉब्लम में है, गंभीर किस्म का Narcissism उसको है तो कभी अगर आपको भी लगता हो अपुनिच ही भगवान है, तो इसका मतलब सीरियस बीमारी है हल्की-फुल्की नहीं सीरियस है कुछ वर्षो समय पहले की बात है एक फिल्म आई थी मैंली, शायद आपने नाम सुना होगा उसमें नायक नायिका को संबोधित करके गीत गा रहा है और आत्ममुग्धता का इतना बड़ा लक्षण है मैंने कभी नहीं देखा वह क्या कह रहा है मुझे देखोगे जहां तक मुझे पाओगे वहां तक रास्तों से कारवां तक इस जहां से उस जहां तक मैं ही मैं हूं, दूसरा कोई नहीं यदि आपकी जिंदगी में ऐसा प्रेमी-प्रेमिका आ जाए तो सीधे लेकर जाना है मनो चिकित्सक के पास अपनी जिम्मेदारी बनती है सच्चा प्रेम करते हैं तो इसका इलाज करवाइए क्योंकि यदि आपने उसका इलाज नहीं करवाया तो वो आपका इलाज कर देगा और जो आत्ममुग्ध किस्म के दोस्त होते हैं आत्ममुग्ध किस्म के प्रेमी-प्रेमिका होते हैं पति-पत्नी होते हैं, उनका लक्षण यह है वह शुरुआत करते हैं लव बोम्बिंग से मनोविज्ञान का एक कांसेप्ट है लव बोम्बिंग , प्यार की बमबारी कर देंगे, आपके ऊपर, इतना ज्यादा मैसेज करेंगे मिस यू लव योर लाइफ यू यह वह 24 घंटे में कम से कम 500 मैसेज करते रहेंगे और आप सोचेंगे इतना प्रेम करने वाला मनुष्य मुझे मिला है ऐसा तो दुनिया में किसी को नहीं मिला यह पहला फेज़ है यह स्थाई नहीं है यह सिर्फ पहला पेज है वह दरअसल सिर्फ अपने आप से प्यार करता है और इस समय आपको प्यार करने की वजह से वह अपने आप से प्यार कर पा रहा है आप केवल एक टूल हैं जिसको हासिल करके उसको खुद से प्यार करने की वजह मिल गई है और ऐसे व्यक्ति में जो अगला इस तरह आता है उसको गैसलाइटिंग बोलते हैं मनोविज्ञान में पता नहीं गैसलाइटिंग 1 टन है इसका मतलब यह होता है दूसरों को इतना छोटा करके साबित कर देना इतना आरोप लगाना कि वह बेचारा अपनी सहजताओ को भी पाप समझने लगे अपनी कमजोरी समझने लगे
जैसे मान लीजिए सुबह उठने की बात है सबका मन करता है आराम से उठने का यह लाड साहब तो 8:00 बजे उठेंगे अगर पत्नी 1 दिन थोड़ा सा लेट उठ गई तो उसको इतना सुना देगा तुम कैसी औरत हो कुछ शर्म ही नहीं है तुम्हारे अंदर तो तुम 8:00 बजे उठ रही हो खुद रोज 8:00 बजे उठता है 8:00 बजे उठ रही हो नर्क जाओगे तुम तो मेरी मां को देखो 4:00 बजे उठती है सुबह इतना सुना देगा इतना सुना देगा कि उस बेचारे को सुबह 8:00 बजे उठना इतनी गिल फीलिंग हो जाएगी कि वह धीरे-धीरे खुद को धिक्कारते-धिक्कारते खत्म हो जाएगी| यह उसका उल्टा भी हो सकता है कोई महिला किसी पुरुष को करें यह भी हो सकता है अपने साथी को, अपने दोस्त को, अपने पति को, क पत्नी को, किसी रिश्तेदार को उन चीजों के लिए ब्लेम करना जो दरअसल ब्लेम करने वाली नहीं है इतना ब्लेम करना कि वह बेचारा हीन भावना में चला जाए इसको बोलते हैं गैसलाइटिंग, यदि कोई प्यार की बमबारी कर रहा हो तो खतरा है कि अगले स्तर यह आने वाला है फिर वह आपको हर चीज के लिए जिम्मेदार साबित करेगा आपका सम्मान छीन लेगा सेल्फ रिस्पेक्ट, सेल्फ स्टीम खत्म कर देगा यह मोटा मोटा लक्षण जो है यह लक्षण अगर किसी व्यक्ति में आपको सारे एक साथ एक जाएं तो उसको हम कहेंगे कि वह आत्ममुग्ध व्यक्ति है
आपके मन में एक सवाल यह आ रहा होगा कितना मुश्किल नाम क्यों रखा है इसका, इसके पीछे एक कहानी है और उस कहानी का जो केंद्रीय चरित्र है उसका नाम है Narcissus और Narcissus के नाम से इसका नाम पड़ गया Narcissism | दरअसल कहानी 2 कैरेक्टर्स की हैं एक Narcissus है और एक Echo है या एको है, जो भी आप बोलते हैं इसको देखिए दुनिया के सभी धर्मों में जो शुरुआती कथाएं हैं कहानियां है वह बहुत रोचक कहानियां है उन कहानियों का एक परपस क्या होता है कि नैतिक विचार सिखाने के लिए कहानी का इस्तेमाल करें जब आप छोटे थे आपको याद होगा आपके पेरेंट्स आपको कहानियां सुनाते होंगे, आपके पीढ़ी तो नहीं सुना पा रही है जब आप पेरेंट्स बनेंगे तो कहानी शायद नहीं सुना पाएंगे क्योंकि बच्चा सुनना भी नहीं चाहेगा, वह कहेगा आप चुप रहो में टीवी देख लूंगा डोरेमोन आ रहा है मैं उसकी कहानी सुन लूंगा और शिनचैन आ रहा है मुझे उस में ज्यादा रूचि है आपकी कहानियों में कम रुचि है लेकिन आज से 12 पीढ़ी पहले तक सारे बच्चे कहानियां सुन सुन के बड़े हुए हैं और पेरेंट्स की कोशिश क्या होती है की कहानियों के माध्यम से बच्चों को नैतिक मूल्य सिखा दें, यह दुनिया के हर समाज में होता था और बच्चे कई मुश्किल सवाल पूछ लेते हैं उनका जवाब देने के लिए भी कल्पनाएं कर लेते हैं|
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जैसे मैं सोचता हूं कि ग्रीक समाज में किसी बच्चे ने पूछा होगा कि जैसे आप कहीं जंगल में जाकर जोर से आवाज दें तो आवाज बार-बार रिपीट होती है बाद में इको होती है तो बच्चे पूछते होंगे की आवाज कहां से आ रही है, अब उस समय फिजिक्स इतनी विकसित नहीं थी कि फिजिक्स के बेस पर इसका आंसर आप दे सकें| तो फिर लोग कल्पनाएं कर लेते हैं उन्होंने कल्पना कर लीजिए जो आवाज है इस आवाज के पीछे एक कहानी है बेटा, और वह जो कहानी है तो यह क्या कहानी है सुन लीजिए, फिर आपको पूरा अंदाजा हो जाएगा कि यह शब्द कहां से पैदा हो रहा है एक बहुत प्रसिद्ध लेखक हुए हैं रोमन लिटरेचर में ओबिट नाम के उनका एक महाकाव्य आपने नाम सुना होगा, METAMORPHOSES , उनका महाकाव्य का नाम है जो सीजर अगस्तस के समय में लिखा गया था यानी कि ईसवी पूर्व 27 से ईसा पश्चात् 14 के बीच में कभी भी लिखा गया था| मतलब ईसा मसीह के दौर में लिखा गया था लगभग उसमें जो भाग3 है उसमें एक कहानी आती है यह वाली कहानी ग्रीक कहानी है
ग्रीस की यूनान की कहानी है यह एक लड़का था Narcissus, और यह कौन था तो एक देवता है नदियों के देवता ग्रीस में जैसे हमारे यहां होता है ना कि वर्षा के देवता, सूर्य देवता, चंद्र देवता , वहां भी खूब देवता माने जाते थे उस समय में, तो जो नदियों के देवता थे सिसिफस, बोलते थे उनको, और साथ में एक अप्सरा थी अप्सरा शब्द यहां भी खूब चलता है ना हमारे यहां मेनका को अप्सरा माना गया और कौन अप्सराएं हैं और उर्वशी है रम्भा है है ना अप्सरा की कहानी यहां भी हैं वहां भी होती हैं अप्सरा की कहानी, निम्फ बोलते हैं निम्फ अप्सरा ग्रीक लिटरेचर में, तो एक अप्सरा थी वहां जिसका नाम था लिरियो पे तो लिरियो पे नाम की अप्सरा और सिसिफस नाम के नदी देवता का जो पुत्र था उसका नाम था Narcissus, बहुत ही सुंदर था, हमें अक्सर गलतफहमी यह होती है कि अपनी सुंदरता की वजह हम हैं जबकि हम होते नहीं हैं उसकी वजह तो कैसे मिली होती है वह तो है ना तो इस बेचारे को यह नहीं पता था जो आपका पता है जो आपको पता है कि तू का है इतना सुंदर था कि इस गाने पर वह गाना सूट करता था मैं इतना सुंदर हूं मैं क्या करूं क्या करूं, इतना सुंदर सच में सूट करता है इतना सुंदर था कि जो भी इसको देखता था पागल हो जाता था इतना सुंदर पर जितना सुंदर था उतना ही घमंडी भी था घोर अहंकारी, अब कई लड़कियां इसको प्रपोज करती थी भाई अगर कोई आपको प्रपोज करें मान लीजिए और आप नहीं पसंद करते हैं नहीं पसंद करते हैं तो कायदे से विनम्रता के साथ मना कर सकते हैं सबसे अच्छा तरीका है आप यह कहे कि माफी चाहता हूं मैं पहले से कहीं जुबान दे चुका हूं वायदा कर चुका हूं बेशक नदी हो कम से कम उसका अपमान तो नहीं होगा सम्मान के साथ मना कर दीजिए पर कुछ लोगों को उनको मजा आता है नीचा दिखाने में कोई आपके पास आकर बोले कि आप मुझे अच्छे लगते हैं , तो आप बोले तू शीशा देखा है कभी ,अरे भाई अपनी औकात में रहकर सपने देखा कर, अजीब हाल है भिखारी कहीं का अब यह तरीका हुआ मना करने का ,अरे मना ही करना है तो कायदे से मना कीजिए ना आपका जीवन आपकी संपत्ति है समझ में आ गया आप अपनी पसंद का व्यक्ति चुने यह समझ में आता है पर आप किसी का भी अपमान करते चलेंगे यह तो सही बात नहीं है इस घमंडी लड़के को इस बात का एहसास नहीं था खूब अपमान करता था तो किसी लड़की ने आकर बोला उसको इतना नीचा दिखाता था कि तू अपना हूं देख कैसी है तू यह है वह है पर लड़कियां बेचारी उसके बाद जीना भूल जाती थी कि इतना अपमान कर दिया है विष के घूंट पीती थी
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अच्छा यह कहानी पढ़कर लगता है कि उस समय ग्रीक समाज में शायद होमो सेक्सुअल रिलेशनशिप को लेकर भी बहुत तनाव नहीं था क्योंकि कहानी में यह भी आता है कि भाई एक लड़का भी इस पर दीवाना हो गया था वह लड़का बोला कि मतलब वह आया उसके पास कि मैं अपनी जान दे सकता हूं मैं कुछ भी कर सकता हूं मैं चाहता हूं आपके साथ जीना तो उसने कहा कि जान दे सकता है तो जान दे दे वह अवाक रह गया तो उसने तलवार निकाल कर दी कि जान दे दो भाई इतना ही शौक है तू उसने सच में अपनी गर्दन काट दी और मरने से पहले भगवान से प्रार्थना की, की इस आदमी को सबक सिखाना, कि जितना नीचा दिखाता है सबको पर इसको एहसास था नहीं इस बात का उसी समय एक और लड़की थी वह लड़की एक अफसर आती है बेसिकली उसका नाम था इको या एको कह लीजिए|
खूब अच्छा बोलती थी और सुंदर थी और एक देवी वीनस ने उसको एक बार यह कहा था कि तुम सबसे सुंदर अप्सराओं में से एक हो बड़ी तारीफ थी उसकी बड़ी चंचल थी खूब बोलने में शॉपिंग थी एक बार इस ने क्या किया कि देवताओं के एक देवता वहां बृहस्पति नाम के जुपिटर जिनको हम बोलते हैं जुपिटर के साथ एक खेल कर दिया जुपिटर की पत्नी जुगनू उसको क्या कर दिया आजकल की भाषा में क्या बोलेंगे उसको,, वह जो सोशल मीडिया में दिखता है प्रैंक है ना प्रेम कर दिया उसके साथ, 2 जून को गलतफहमी पैदा कर दी कि उसका पति बाजार गया हुआ है जबकि वह गया नहीं हुआ था और जुनो गुस्से वाली थी चढ़ गई कि तू मेरे साथ फ्रेंड करेगी मैं तुझे श्राप देती हूं तो श्राप यही बस नहीं होता था वहां भी होता था हर जगह होता है मैं तुझे श्राप देती हूं श्राप, क्या किया कि दो श्राप दे दिए, पहला तू अपनी और से कोई भी बात बोली नहीं पाएगी और दूसरा अगर किसी और ने कोई वर्क बोला होगा तो तू केवल उस वाक्य अंतिम कुछ शब्द को ही दोहरा पाएगी,इको ऐसी ही होती है ना तो पूरी इको की कहानी बना दी है, अब तू अपनी ओर से कोई नया वर्क नहीं बोल सकती और जो वर्क बोला गया है उसके अंदर कुछ शब्दों को ही द्वारा सकती इतना ही बोलने का अधिकार है तेरे पास उसके बाद से बेचारी सोचिए इतने सुंदर युवक-युवती और बेचारी बोली नहीं पाती है खैर जिंदगी जी रही थी किसी तरह से, एक दिन Narcissus अपने दोस्तों के साथ शिकार खेलता हुआ जंगल में गया, और अब जंगल में गया तो बाई चांस ऐसा हुआ कि अलग हो गया इसके दोस्त कहीं चले गए हैं यह गुम हो गया अभी अकेला घूम रहा है जंगल में वही इको घूम रही थी, उसने इसको देखा वह भी दीवानी हो गई इसकी, मतलब पागल हो गई एकदम इतना सुंदर था यह वह भी अप्सरा है कम नहीं है यह तो अप्सरा का पुत्र है देवता का पुत्र है, अब वह दीवानी बनी इसके पीछे घूम रही है सामने नहीं आ रही है पर अच्छा इसको एहसास हो रहा है कोई है आसपास पेड़ों की आवाज से पत्तों की आवाज से, तो उसने कहा ,कौन है कौन है लेकिन वह बोल ही नहीं सकती थी, इसको लगा अजीब पहेली कोई खेल रहा है मेरे साथ, फ्रिज ने कहा सामने आओ उसने कहा सामने आओ तब उसने कहा भाई इतना छुपने की क्या जरूरत है? हमें एक दूसरे से बात करनी चाहिए, तो उसका जवाब आया बात करनी चाहिए, फिर थोड़ी देर बाद वह सामने आई और वह प्रेम में ऐसी दीवानी थी किसी सीधे फिल्मी अंदाज में दौड़ी हुई उसके पास गई गले मिलने के लिए जैसे दीवानी हो गई थी क्योंकि उसको तो लगा था कि बात बढ़िया चल रही है उस उम्मीद में भाग गई, और जैसे ही पास आ गई तो उसने यूं कहा, रुको दूर हो, छी: छी:, फिर बोला कि इससे पहले मैं मर जाना पसंद करूंगा, बजाय यह कि तुम मेरे शरीर का आनंद लो, वह बेचारी इको क्या बोली तुम मेरे शरीर का आनंद लो, बात और बिगड़ गई इससे और यह वक्त जैसे ही उसके मुंह से निकला उसको खुद इतनी शर्मिंदगी हुई अपने ऊपर रोती हुई खून के आंसू रोती हुई वहां से भागी, और इसने धिक्कार के भगा दिया उसको इस पर नहीं बोलते हैं अंग्रेजी में धिक्कार के भगा दिया कि अपनी औकात देख अपना मुंह देख जब वह रोती हुई गई तो उसकी सहेलियां ज्योति अप्सराएं वह चली गई एक देवी के पास, नेमेसिस नाम था उस देवी का ग्रीक लिटरेचर में|
नेमेसिस का मतलब है रिवेंज की देवी प्रतिशोध की देवी| प्रतिशोध की भी देवी है उनके यहां| तेलिया गई उन्होंने कहा कि देखो यह जो लड़का है ना बहुत बदतमीज है इसने हमारी सहेली का दिल दुखाया है, पहले कितने लोगों का दिल दुखा चुका है, कितने लोग तो बेचारे जान दे चुके हैं इसके चक्कर में, आ प्रतिशोध लो इससे तब देवी ने कहा अच्छा ठीक है, इसका अकाउंट शुरू करते हैं और फिर एक दिन यह फिर से शिकार करने गया तो देवी ने एक जाल बिछाया इसके लिए और इसको प्यास लगी बहुत जोर से, पानी ढूंढते ढूंढते हैं जब आगे बढ़ा वहां एक तालाब था सुंदर सा तालाब था पर तालाब इस तरह से बना हुआ था कि इसमें कुछ कदम रखें मतलब तालाब समझ लीजिए कि इस तरह का तालाब था यह संभव नहीं था कि हमें इसमें दो कदम चले जाएं बहुत गहरा तलाव था तो यहां लेट के फिर पानी निकालने की स्थिति थी ऐसा करके तो यह पेट के बल लेटा धीरे से पानी निकालने के लिए पीने के लिए और जैसे ही लेटा इसको अपनी ही परछाई दिखी पानी के अंदर, पहले जब यह पैदा हुआ था एक साधु को बुलाया गया था, साधु से पूछा गया कि इस बच्चे का भविष्य क्या होगा जैसे हमारे यहां होता है तो वहां भी होता था कि बच्चे का भविष्य क्या होगा? सब ने कहा कि जब तक यह अपने आप को नहीं जानेगा तब तक इसका जीवन बहुत अच्छा रहेगा, जिस दिन इसने खुद को जान लिया मुश्किल हो जाएगा और आज इतने पानी में अपने रिफ्लेक्शन को देख लिया जैसे ही देखा यह खुद दीवाना हो गया अच्छा इसको यह नहीं पता था वह रिफ्लेक्शन है उस समय तो विज्ञान उतना विकसित नहीं था कि वह समझ जाएगी रिफ्लेक्शन है उसको लगा कोई और है पानी के अंदर का देवता है शायद कोई यह इतना पागल हो गया कि जितना पागल को हुई थी इसके लिए उतना ही ,यही कहा था किसको भी यह पीड़ा समझ में आनी चाहिए कि जब हम किसी से प्रेम करते हैं वह जब हिकारत से बात करता है तो कैसा लगता है अब यह बेचारा उससे कह रहा है तुम कौन हो दोस्त जवाब ही नहीं दे रहा मजे की बात है एक लड़का एक लड़के से ही कह रहा है और ग्रीक लिटरेचर में इस बात को लेकर तनाव नहीं उस समय यह फिर कह रहा है कि तुमसे मुझसे मिलना चाहता हूं, जवाब ही नहीं आ रहा खूब रिक्वेस्ट कर कर के मर गया जवाब ही नहीं आता था उधर से, अंत में बोला कि अगर तुमने मुझे जवाब नहीं दिया तो इस जीवन का लाभ ही क्या है, और पीछे पेड़ के पीछे खड़ी होकर सुन रही थी इको, उसको खुशी हो रही थी कि आज समझ में आ गई है बात, और अंत में इसमें तय किया अगर मैं इसके साथ जीवन ही गुजार सकता हूं तो यह जीवन बेकार है और उसने अपने जीवन को समाप्त कर लिया और अंतिम वाक्य क्या बोला अलविदा फेयरवेल और पीछे से आंखों ने क्या कहा अलविदा यह खत्म हो गया आत्ममुग्धता में खत्म हो गया अपनी सुंदरता को नहीं झेल पाया|
इको तो अप्सरा थी तो शाश्वत थी मॉडल नहीं थी इम्मोर्टल थी लेकिन फिर यह कहानी बढ़ाई गई कि उसका शरीर खत्म हो गया उसकी हड्डियां बन गई पत्थरों की तरह से लेकिन उसकी आवाज बची रही और आज भी दुनिया में जब कोई कुछ बोलता है तो पीछे से कुछ शब्द रिपीट हो तो समझ लो कि इको नाम की देवी वहां पर मौजूद है
यह है Narcissus नाम के बहुत सुंदर किंतु बहुत ही घमंडी आदमी की कहानी|
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अंत में, यह हमेशा ध्यान रखना है कि यदि आप 4 लोगों के साथ बदतमीजी से बात करते हैं तो कभी ना कभी कोई आपको भी मिलने वाला है, जीना मुश्किल कर देगा सीखने की बात है कि किसी को अगर पसंद करते हो तो इको की तरह भागकर नहीं जाना उसके पास थोड़ा सा अपना स्वाभिमान बनाकर रखना और कोई पसंद ना आए तो उसको बदतमीजी के साथ हिकारत के साथ तिरस्कार के साथ नहीं खारिज करना है, कायदे से मना करने का भी तरीका हो सकता है क्योंकि ऐसा होता है जैसा आप सबके साथ बर्ताव करेंगे वैसा आपके साथ भी हो सकता है
इस Narcissus नाम की टेंडेंसी जिन व्यक्तियों में है उन व्यक्तियों के लिए शब्द चल पड़ा narcissist, और इस टेंडेंसी का नाम चल पड़ा Narcissism | एक शब्द मनोविज्ञान में ECHOISM भी चलता है और ECHOISM उनके लिए चलता है जो बहुत कमजोर किस्म के व्यक्ति हैं जो किसी narcissist को झेलते रहते हैं उसकी हर बात को मानते रहते हैं टॉक्सिक रिश्तो को झेलते हैं विरोध नहीं करते हैं हर दुख को पी जाते हैं यह भी बुरी बात है और यह तो Narcissus की कहानी आपने देखी ली |