जिस व्यक्ति को बनना है सिविल सेवक उसके एप्टिट्यूड में क्या क्या होना चाहिए एक सिविल सेवक में क्या क्या होना चाहिए तो मै सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट पेपर 2 को लेकर बोलू तो उसमें 1 तो आता है कंप्रीहेंशन कंप्रीहेंशन आपकी अच्छी है या नहीं है कि आपकी कौन सी इंटेलिजेंस एबिलिटी पता लगती है भाषाई तो पहले बात है कि एक सिविल सर्वेंट का जो भाषाई परिपक्क्वता है या भाषाई बुद्धिमता है उस द्रष्टि से उस व्यक्ति को बेहतर होना चाहिए, क्यों बेहतर होना चाहिए देखते हैं सरल सी भाषा में कहु न तो एक समय के बाद आपको केवल भाषा में ही काम करना होता है अभी आप केलिए IAS का मतलब होता है कलेक्टर , की गाड़ी से निकलू तो टोय टोय टोय टोय……… मै अंदर बैठा हूं 50 लोग बहार साथ साथ दौड़ रहे है कलेक्टर साहब गाडी में है गाडी रोका , लोगो ने सलाम ठोका आपको लगा आ ह हा हा… तसल्ली मिल गयी एकदम नेहरू विहार सफल रहा कितने साल तपस्या की नाले के पास बैठकर मजा आ गया कुछ लोगों के दिमाग में इतना रहता है और उनका मतलब आईएएस बनना क्या होता की खड़े खड़े फैसला कर दिये खाप पंचायत की तरह इसे हटाओ उसे बठाओ इस मूड में जरूर रहते हैदेखना 7 ,8 या 9 साल की नौकरी के बाद , 14 साल के बाद तो पूरी तरह से , जहां 14 साल की नौकरी हुई बनवास शुरू 14 साल का नहीं है तो 14 साल के बाद होता है और वनवास के बाद ये शौक है ताम झाम वाला वो सारा ताम झाम ख़तम और फिर आपकी जिंदगी कटेगी फाइलों में , पर उस फाइल की ताकत की ताकत इतने ज्यादा है जितनी ताकत जिले के कलेक्टर की बिल्कुल नहीं हो सकती कलेक्टर बहुत छोटा टाइप है उस फाइल के सामने, उस फाइल लिखा हो कुछ कलेक्टर बेचारा खड़े हो पढता है बैठ के पढ़ ही नहीं पाता इतना खौफ खाता उससे |

IPS kaise bne ?
पूरी जिंदगी आप का काम है लिखना और ठीक से पढ़ना , हजारों रिपोर्ट आएंगे वह सारी पढ़नी होंगेी उनका सटीक अर्थ निकालना होगा नोटिग करनी होगी ड्राफ्टिंग करनी होगी आपके लिखे हुए एक एक शब्द से कई हजार करोड़ का खर्चा हो जायेगा और आपसे लिखने में एक शब्द के अर्थ का मतलब चेंज हो गया ना सरकार समाज के संसाधनों पर बड़ी करारी चपत हो सकती है
इतनी सटीक भाषा होनी चाहिए कि आप जो लिखना चाह रहे है एक्साक्ट्ली वही अर्थ निकले और दूसरा अगर कोई रिपोर्ट पढ़ रहे है एक्साक्ट्ली वही समझे जो लिखा गया है दूसरा है जिसको बेसिक मैथ कह लीजिए बेसिक न्यूमैरेसी कर लीजिए इसी में डाटा इंटरप्रिटेशन और डाटा सफिशिएंसी को भी जोड़ लीजिए बेसिक मैथ्स बेसिक डाटा एंड डाटा सफिशिएंसी डाटा सफिशिएंसी मैं जानता हु कुछ बच्चो को इसका नाम सुनते बुखार होने लगता है यह क्या बात हुई यह क्या बात हुई यह क्या पढ़वा रहे हैं हम तो आईएएस बननेआये थे गणितज्ञ थोड़ी ही न बनना है हमे सबसे अच्छे मुहावरा है हमें ज्ञानी नहीं बनना है आईएएस बनना है जैसे ज्ञानी बनना आईएस बनने के खिलाफ हो कि आईएएस बनना था ज्ञानी बन गया अब तो ये आईएएस नहीं बन पायेगा ऐसा थोड़ी ही न होता है और कई लोग बाकी सब बेकार की बातें लेकिन आप आईएस बन के क्या करेंगे इसके बिना, परसेंटेज निकालनी पड़े तो उसके बाद आप कहते है किसी को बुलाओ की भाई परसेंटेज निकाल दो आओ जरा, भाई साहब परसेंटेज निकालनी है आ जाओ ज़रा कैसे काम चलेगा आपको जिला संभालना है जिले का पूरा बजट आपके पास है हज़ार तरह के खर्चा है कौन सा खर्चा किस मद में किस तरह से हो, जब तक आपको डाटा समझ में नहीं आता हो पिछले 10 सालों की रिपोर्ट सब तुलनात्मक रूप से किसी पई चार्ट से या किसी टेबल से ना समझ पाते हो जिसके टेबल में 3 या 4 तरह से फैक्टर शामिल हुए टेबल पढ़ने में माथा खराब हो जाता है कैसे पढ़े हैं इसको |
टेबल बनानी पड़ जाए आपको टेबल आप से बनी ही नहीं रही है मल्टीपल फैक्टर वाली टेबल आप बिना डाटा को समझे बिना डाटा को रिप्रेजेंट करना सीखें कैसे उस फंड के एलोकेशन को समझ पाएंगे और मैनेज कर पाएंगे जो करना है आईएएस या आईपीएस बनना डंडा नहीं हिलाना होता झंडा घुमाना बहुत आसान बात है आईएएस आईपीएस बनने के बाद स्पेशली आईएस बनने के बाद आपको देश के सारे रिसोर्सेज को मैनेज करना होता है यदि आप आईपीएस भी बन गए सभी राज्यों के तुलनात्मक आंकड़े अपराध के आपके सामने रखे होंगे आपके जिले में पिछले 5 साल के अपराध के आंकड़े तुलनात्मक रूप से कोई वेन डायग्राम में कोई पाई चार्ट में कोई टेबल में कोई ग्राफ में रखे हुए हैं और आप कह रहे हैं कि बुलाओ भाई किसी को इसे समझाने के लिए ईमानदारी की बात बता रहा हूं आपको मैं जो लोग आईआरएस बनकर जाते हैं इंडियन रिवेन्यू सर्विस में उनके जो जूनियर होते हैं असिस्टेंट वह आते हैं एसएससी से, एसएससी में क्या पूछते हैं गणित आनी चाहिए इंग्लिश आनी चाहिए रिजनिंग आनी चाहिए जबरदस्त पकड़ होती है इन चीजों में इंग्लिश में रिजनिंग में, निकलो सवालों के जवाब चलते-फिरते दे देंगे, और वह बनते हैं रेवेन्यू में असिस्टेंट तो वह असिस्टेंट है प्रमोशन के बाद बनेगा आईटीओ ( इनकम टैक्स ऑफिसर) , और आईटीओ लंबी प्रमोशन के बाद बनेगा असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स बनेगा जो कि आप बनेंगे जॉइनिंग के पहले दिन एसीआईटी और यह एसएससी वाला व्यक्ति 11 साल की नौकरी के बाद एसीआईटी बनेगा |
IPS kaise bne ?
असली बात आप सुनो कई ऐसे असिस्टेंट कमिश्नर इनकम टैक्स होते हैं आईआरएस बन गए एकाउंटिंग आज तक सीखी नहीं क्योंकि स्कूल में पढ़े नहीं अकाउंट्स , आर्ट्स पड़े हैं मैथ्स आता नहीं है भाई कल लिया था सीसैट में रिजनिंग और कंप्रीहेंशन से काम चल गया था क्वालीफाई कर लिया था इंग्लिश आती नहीं है हिंदी माध्यम से हैं इंग्लिश नहीं आती है भाई चांस क्वालीफाइंग कर लिया मेंस में पीली चिट्ठी नहीं आई ठीक यह रेयर नहीं है ऐसा कॉन्बिनेशन बहुत से लोगों में होता है और इंटरव्यू ठीक से हुआ आईआरएस में सीधे लैंड हुए ट्रेनिंग हुई आईआरएस की ट्रेनिंग में आते हैं सीए , इनकम टैक्स सिखाते हैं और इस आदमी का दिमाग धुआं हो जाता है इनकम टैक्स समझ के इनकम टैक्स कैलकुलेशन सिखा रहे हैं कॉरपोरेट टैक्स कैलकुलेशन सिखा रहे हैं और इनको लग रहा है औरंगजेब कहां चला गया जबकि मजा तो आना चाहिए कि क्या-क्या सिखा रहे हैं क्यों सिखा रहे हैं उसके बाद फाइनल हो गया ट्रेनिंग पूरी हो गई ट्रेनिंग में पास करना ट्रेनिंग एकेडमी की नैतिक जिम्मेदारी होती है वरना यूपीएससी पर सवाल खड़े हो जाते हैं
तीसरा है रिजनिंग और एनालिटिक स्किल बेसिक अली आपको हर चीज का रीजन समझने और आप रिजनिंग से सही फैसले नहीं डाल सके आईएएस बनने के बाद सिविल सर्वेंट बनने के बाद बेसिकली आपको जीवन भर सही फैसले करने होते हैं सूचनाएं आपके पास हैं उनकी सही से प्रोसेसिंग कर ली और उस प्रोसेसिंग के बेस पर सही रिजनिंग का इस्तेमाल करते हुए सही फैसले लिए बस यही करना है इसके लिए आपकी रिजनिंग पावर अच्छी होनी चाहिए और रिजनिंग की पावर का यह मतलब वही नहीं होता की , सभी कुत्ते घोड़े हैं और सभी गधे बैलगाड़ी हैं वह नहीं होता ऐसा मतलब दिमाग विश्लेषणात्मक रूप से चलना चाहिए तार्किक रूप से चलना चाहिए यह सीसेट में भी आता है और मैं कहूं तो एनालिटिकल स्किल की परीक्षा करने के लिए जीएस मैंस तो है ही विशेष रूप से निबंध भी है निबंध के पेपर में लिखा ही होता है कि यह पेपर एनालिटिकल स्किल की परीक्षा करने के लिए है
कितना अच्छा है जिस व्यक्ति की भाषाई क्षमता ठीक है जिसकी बेसिक मैथ डाटा समझ में आता है ऐसे ही रिजनिंग बेसिक लेवल पर आती हो|
चौथी बात है डिसीजन मेकिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग आपकि ठीक हो और सीसैट में यह भी आता है आप जीवन भर क्या करेंगे डिसीजन मेकिंग करेंगे प्रॉब्लम सॉल्विंग करेंगे आप कलेक्टर की कुर्सी पर बैठे हैं गद्देदार कुर्सी है बड़ा मजा आता है बहुत खुश है इतने में फोन आया साहब दंगा हो गया आपने कहा चलना होगा तब तक दूसरा फोन आया शहर के दूसरे कोने में एक और दंगा हो गया है इधर संप्रदायिक दंगा हो गया है उधर जातीय दंगा हो गया है एक ही जगह जा सकते हैं फैसला करो सर अब कहां जाएंगे रुको नोट्स निकालता हूं पहले वाले नोट्स नोट्स में मिली नहीं रहा कहां जाना चाहिए ऐसे में, क्या होगा प्रॉब्लम्स सॉल्विंग स्किल चाहिए और साथ में लीडरशिप स्किल चाहिए और लीडरशिप का एक खास मतलब होता है इंटरपर्सनल स्किल या कम्युनिकेशन स्किल जो सीसेट का पाठ्यक्रम है पूरा का पूरा कितना अच्छा सिलेबस है इंटरपर्सनल स्किल्स और कम्युनिकेशन स्किल्स इन दोनों को मोटा मोटा मिला कर बोल दीजिए लीडरशिप स्किल्स|
आप कलेक्टर है मजाक थोड़ी ना है लोग दंगा करने पर उतारू आप वहां पहुंचे हैं आपकी कार देखकर टाय टाय देखकर लोग 5 मिनट में रुक जाते हैं दंगा रोक देते हैं रुको रुको कलेक्टर साहब आए इतना वजन तो है ही आपकी गाड़ी में, आप की सत्ता में आपकी के साथ जितने स्टाफ के लोग जाएंगे उसको देख कर के 5 मिनट का विराम तो हो ही जाएगा अब 5 मिनट का विराम आप स्थाई विराम बना पाते हैं या 5 मिनट के अंदर आप भी उनके अंदर लिपट गए हैं इतना ही अंतर है और वहां जाकर जिसने आंख में आंख मिलाकर बात ठीक से की और कन्वेंस करके समझा दिया सबको और हजारों के बीच में बिना डरे अपनी बात कही और धमका भी ठीक से दिया इतने प्यार मोहब्बत से और ढंग से धमकाया की धमकी लगी भी नहीं और धमकी लग भी गई फिर किसी में इतनी हिम्मत नहीं कि कलेक्टर से पंगा मोल ले सके कलेक्टर की ताकत बहुत ज्यादा होती है
तो ऐसे गुण आपको IPS अधिकारी बनने वाले में होने चाहिए