इन नियमों का पालन किया तो बन जाओगे अधिकारी FOLLOW THESE RULES TO BECOME OFFICER
नमस्कार साथियों, हाल ही में upsc द्वारा रिजल्ट जारी किया गया है इसमें कई विद्यार्थिया का चयन हुआ है जो आगे चल कर देश की सेवा करेंगे| हर साल लाखों लोग इस गम्भीर और कठिन परीक्षा की तैयारी करते है जिसमे कुछ विद्यार्थिया का चयन upsc द्वारा किया जाता है इस चयन के साथ उनका जो सफर है वो समाप्त नहीं होता बल्कि सफर की शुरुआत होती है इसके बाद भी कई चीजे देखने को मिलती है
आज हम इस लेख में यही जानने की कोशिश करेंगेकी जब किसी व्यक्ति का आईएएस आईपीएस के तौर पर चयन होता है उस व्यक्ति पर किस तरह के नियम लागू होते हैं उस व्यक्ति को किन दायरों में रह कर काम करना होता है लेकिन लेख की शुरुआत करने से पहले आपको जान लेना जरुरी है कि हमारे टॉपर्स के पास आपके लिए किस तरह के सुझाव मौजूद है
मुझे लगता है जितना नॉलेज पढ़ना था वह सब हो चुका है काम प्रिलिम्स बहुत बड़ा साइकोलॉजी का भी गेम है जो अब बचा है उसमें आप केवल और केवल जो आपने कंटेंट पढ़ा है उसको जितना rivision कर पाए उतना करे और अपनी नींद को उसी साइकिल में रखे जिस साइकिल में आपको पेपर देना है बाहर का खाना न खाये और खुद पे भरोसा रखिये और तुलसीदास जी ने कहा है की तुलसी भरोसे राम के निर्भय होकर सोई है अनहोनी होनी नहीं होनी सो होय | तो कभी कभी होनी है सो होय पर डाल के और शांति से प्रीलिम्स दे देना चाहिए |
IAS kaise bne
मुझे उम्मीद है की ये कुछ महत्वपूर्ण बाते आपके के मददगार होंगी चलिए अब अपनी लेख की शुरुआत करते हैं और सबसे पहले लेख की रूपरेखा को जान लेते हैं तो हम जानेगे —
1 सिविल सेवाओं के एक परिचय को जानेंगे
2 सिविल सेवा अधिकारियों पर किस तरह के नियम लागू होते हैं उन नियमों पर बात करेंगे
3 क्या कहते है नियम हैं
4 नियमों का क्रियान्वयन किस तरह से होता है होता है उस पर भी बात करेंगे
और अंत में सवाल पर भी चर्चा करेंगे
1 सिविल सेवाओं के एक परिचय
जब किसी व्यक्ति को Upsc द्वारा चयन कर लिया जाता है तो उसकी रैंक क्या आयी है और उसने किस तरह की प्राथमिकताएं दी है इन तमाम के आधार पर उस व्यक्ति को सेवा का आवंटन किया जाता है और यह सर्विस allot की जाती है यह दो तरह की होती है
FOLLOW THESE RULES TO BECOME OFFICER
➧ रैंक और प्राथमिकता के आधार पर आवंटन
➠दो श्रेणियों में विभाजन – अखिलभारतीय सेवा और केंद्रीय सिविल सेवा
➢ AIS : केंद्र द्वारा चयन ; राज्य कैडर में वितरण ( IAS, IPS IFS ), प्रतिनयुक्ति
✔ अनुच्छेद – 312
➢ CSS : केंद्र का नियंत्रण ; कैडर की व्यवस्था नहीं (IFS , IRS )
➧ AIS और CSS के लिए अलग अलग नियम
➢ सीसीएस आचरण नियम , 1966 और एआईएस आचरण नियम,1968
➢ गृहमंत्री लाल बहादुर शास्त्री द्वारा गठित समिति (1962 ) – भ्रष्टाचार ( के. संथानम )
➢ दोनों नियमो में काफी समानता है
कई विषयो को सम्बोधित – आचार व्यव्हार
CCS नियम 3 (1 ) – ऐसा कुछ न करना जो अशोभनीय हो (काफी अस्पष्ट )
जातिवाद – नियम नहीं ;
AIS नियम 4 (1)- प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर जातिवात को बढ़ावा नहीं
नियम 5 (1 ) – किसी राजनीतिक दल का सदस्य नहीं ; को राजनीतिक गतिविधि नहीं
नियम 5 (4 ) – चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकते
नियम 7 : राजनितिक पर व्यक्तिगत राय नहीं; रखने पर प्रतिबन्ध नहीं
आधिकारिक फाइलो और दस्तावेजों पर राय ( केवल कार्य से जुड़ा हुआ )
नियम 11 (1A)-प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से दहेज़ मांगने या प्रतिबन्ध
25,000 रुपये से अधिक के उपहार – सरकार को सूचना

नियमों का क्रियान्वयन कैसे ?
➢ सेवा आवंटन के साथ ही नियम लागू ( सेवानिवृति – केंद्र से अनुमति)
・दो तरह के दंड: प्रमुख और गौण (लघु)
(जो यह नियम है 1964 वाला है और जो 1968 वाला है यह दोनों नियम मुख्य तौर पर जो सिविल सेवा के अधिकारी हैं उन पर जब उनको सर्विस अलॉट कर दी जाती है जब उनकी ट्रेनिंग की शुरुआत हो जाती है जब ऑफिसर ट्रेनी बन जाते हैं उन पर यह नियम लागू होना शुरू हो जाते हैं इसके अलावा कई नियम तो ऐसे हैं जो कि रिटायरमेंट के बाद भी लागू रहते हैं जैसे किएक यह कहता है की यदि आप रिटायरमेंट के बाद किसी कमर्शियल एंटिटी में काम करना चाहते हैं किसी वाणिज्यिक निकाय में काम करना चाहते हैं तो आपको ऐसा काम करने के लिए सबसे पहले केंद्र सरकार से अनुमति लेनी होगी यदि केंद्र सरकार मना कर देती है तो फिर आप काम नहीं कर सकते हैं यह भी एक नियम है तो इसके माध्यम से एक इंप्लीमेंटेशन सुनिश्चित होता है इसके अलावा यदि कोई अधिकारी जो है वह नियमों का पालन नहीं करता तो उस अधिकारी पर दंड भी लगाया जाता है और जुरमाना भी लगाया जाता जो है वह यह दंड है वह दंड दो तरह का हो सकता है सबसे पहला है मेजर और दूसरे नंबर पर आता है माइनर – तो मेजर के तहत मुख्य तौर पर यही हो सकता है सबसे जो बड़ी सजा है वह यही हो सकती है कि उस व्यक्ति को अपनी सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है उसको टर्मिनेट किया जा सकता है या फिर कुछ समय के लिए हटाया जा सकता है माइनर की करे तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है उसका डिमोशन किया जा सकता है जुरमाना भी लगाया जा सकता है )
➢ भ्रष्टाचार निवारण नियम (शिकायतों पर आधारित )
➢ केंद्रीय सतकर्ता आयोग , लोकपाल और अन्य